Bharat Ke Pramukh Darre। भारत के प्रमुख दर्रे भूमण्डलीय स्थिति,महत्व

भारत में मौजूद प्रमुख दर्रे । Bharat Ke Pramukh Darre 

दर्रा किसे कहते हैं?

दुनिया भर में सबसे ज्यादा Bharat Ke Pramukh Darre भारत में ही पाए जाते हैं। दो पहाड़ों के बीच में बना हुआ प्राकृतिक मार्ग को दर्रा कहा जाता है। दो पर्वतों के बीच मौजूद स्थान जो नीचे दब गया हो उसे डरा माना जाता है। यह एक प्रकार का प्राकृतिक मार्ग होता है जिसके द्वारा पहाड़ों की सीमा पार की जाती है।

पहाड़ों के बीच मौजूद यह डारे ज्वालामुखी, भूकंप, जमीन का खिसकना और अधिकतर पहाड़ों से नदी बहने के वजह से बनता है। भारत में कई सारे ऐसे प्रमुख डर्रे हैं जिसके माध्यम से हम कई सारे जगह आसानी से पहुंच सकते हैं। कई मुश्किल रास्तों को यह डरे काफी आसान बना देते हैं। तो आईए जानते हैं भारत में मौजूद प्रमुख दर्रे के बारे में।

काराकोरम दर्रा।

यह भारत का सबसे ऊंचा दर्रा है जिसका ऊंचाई 5,654 मीटर है। यह जम्मू कश्मीर के लद्दाख इलाके में स्थित है। इस दर्रे की इतनी ज्यादा ऊंचाई है कि यहां पर जाने से लोग काफी ज्यादा डरते हैं। यहां से गुजरने वाले कई जानवर भी अपना दम तक तोड़ देते हैं।

यहां का तापमान काफी कम रहता है और साथ ही तेज हवाएं भी चलती है जिसके कारण यहां बर्फ नहीं जम पता है। पहले के समय में यह डरे भारत, चीन और मध्य एशिया के बीच रेशम का व्यापार करने में अहम भूमिका निभाई है। लेकिन अभी के समय में भारत और चीन के बीच आपसी तनाव के चलते यहां जाना बंद है।

बनिहाल दर्रा।

यह डरा भी जम्मू कश्मीर राज्य में मौजूद है। इसकी ऊंचाई समुद्री तट से 2832 मीटर ऊपर है। इसका एक नया नाम दिया गया है, जो जवाहर सुरंग है। साथी यह भारत की सबसे लंबी सुरंग है जिसकी लंबाई कुल 2.85 किलोमीटर है। इस दर्रे के मदद से कश्मीरी घाटी से बाहरी हिमालय और दक्षिणी में मैदानी इलाके में जाया जाता है।

बुर्जिल दर्रा।

जम्मू कश्मीर में मौजूद यह डरे भारत के प्रमुख दर्रों में से एक माना गया है। इस दर्रे की ऊंचाई 4,100 मीटर है। यह डरा श्रीनगर को गिलगिट से जोड़ता है और साथ ही कश्मीर और मध्य एशिया के बीच आने जाने का एक प्रमुख रास्ता है।

जोजिला दर्रा।

यह डरा लद्दाख के कारगिल जिले में मौजूद है जिसकी ऊंचाई 3528 मीटर है। इसका निर्माण सिंधु नदी के द्वारा किया गया है। यह डरा श्रीनगर को कारगिल और लेह से जोड़ता है और आने जाने का एक प्रमुख मार्ग देता है। वहीं ठंड के मौसम में ज्यादा बर्फ गिरने के कारण यह डरा बंद रहता है।

पीर पंजाल दर्रा।

यह डरा जम्मू कश्मीर के पीर पंजाल श्रीखला मैं मौजूद है जिसका ऊंचाई 3,485 मीटर है। यह जम्मू कश्मीर से श्रीनगर के लिए आने जाने का एक मार्ग था जिसे विभाजन के वक्त बंद कर दिया गया था।

रोहतांग दर्रा।

यह दर्रा हिमाचल प्रदेश के कुल्लू घाटी और लाहौल स्पीति घाटियों में मौजूद है। यह समुद्री तल से 3,980 मीटर की ऊंचाई पर मौजूद है। यह डर्रा मनाली को लेह से जोड़ता है। इस दर्रे पर काफी ज्यादा बर्फबारी होती है, जिसके कारण सीमा सड़क संगठन द्वारा इसे बंद कर दिया गया है।

तथ्य—रोहतांग दर्रे का नाम बदलकर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के योगदान को देखते हुए केन्द्रीय मंत्रिण्डल द्वारा सुरंग का नाम अटल बिहारी वाजपेयी सुरंग कर दिया गया है।

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शिपकिला दर्रा।

यह दर्रा हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में मौजूद है और इसकी ऊंचाई समुद्री तल से 4,300 मीटर ऊपर है। इस दर्रे की मदद से शिमला से तिब्बत जाया जा सकता है। इस दर्रे में सतलुज नदी प्रवेश करती है, लेकिन ठंड के मौसम में ज्यादा बर्फ गिरने पढ़ने के कारण यहां से लोग आना-जाना कुछ समय के लिए बंद कर देते हैं।

लिपुलेख दर्रा।

यह उत्तराखंड और तिब्बत की बॉर्डर पर स्थित एक दर्रा है जिसकी ऊंचाई समुद्री दल से 5,334 मीटर ऊपर है। यह डरा साल 1992 में चीन के साथ व्यापार करने के लिए खोला जाने वाला पहला भारतीय सीमा चौकी है। इसका उपयोग चीन के साथ व्यापार और तिब्बत के बीच यात्रा करने वाले तीर्थ यात्रियों के द्वारा किया जाता हैं।

नीति दर्रा।

यह उत्तराखंड राज्य के कुमाऊं क्षेत्र में मौजूद एक दर्रा है। इसकी समुद्री तल से ऊंचाई 5,068 मीटर है। यह दर्रा उत्तराखंड और कैलाश पर्वत जाने के लिए प्रमुख मार्ग देता है। साथ ही यह दर्रा भारत को तिब्बत से भी जोड़ता है।

नाथुला दर्रा।

यह दर्रा सिक्किम जिले में मौजूद है, जिसकी समुद्री तल से ऊंचाई 4,310 मीटर है। यह दर्रा सिक्किम को चीन के तिब्बत इलाके से जोड़ता है। साल 1962 में भारत और चीन के बीच युद्ध होने के कारण इसे बंद कर दिया गया था। लेकिन 4 जुलाई 2006 को व्यापार के लिए इसे खोल दिया गया। इसे खुलने के बाद भारतीय व्यापार एवं बौद्ध और हिंदू तीर्थ स्थलों के बीच की दूरी कम हो गई हैं।

बोमिडला दर्रा।

यह डरा अरुणाचल प्रदेश में मौजूद है और इसकी समुद्री तट से ऊंचाई 2,217 मीटर है। यह तिब्बत के ल्हासा को और भारत के तवांग जिले को जोड़ता है। अभी के समय में यह डरा अरुणाचल प्रदेश और तिब्बत के बीच एक व्यापारिक रूप से काम करता है। 1906 में इस दर्रे को पहली बार व्यापारियों के लिए खोला गया था।

Bharat Ke Pramukh Darre किससे-किसको जोड़ते हैं

क्रम संख्या दर्रे का नाम कौन सा दर्रा किससे-किसको जोड़ता है?
1. बनिहाल दर्रा कश्मीर को बाहरी हिमालय से और दक्षिण में मैदानी इलाकों के साथ
2. बोम-डि-ला दर्रा यह अरुणांचल प्रदेश में स्थित है। इस दर्रे से त्वांग घाटी से होकर तिब्बत जाने का मार्ग है।
3. लिपुलेख दर्रा भारत की चौड़न खाटी को तिब्बत के स्वायत्त क्षेत्र से। यह दर्रा चीन, नेपाल और उत्तराखण्ड के ट्राई-जंक्शन पर स्थित  है।
4. खार्दूंग ला दर्रा लद्दाख को सियाचिन ग्लेशियर से।  यह विश्व का सबसे ऊँचा मोटर वाहन यातायात करने के योग्य दर्रा है।
5. बारा-लाचा-ला दर्रा हिमाचल प्रदेश के लाहौल को लेह जिले से।
6. रोहतांग दर्रा कुल्लू घाटी को हिमाचल प्रदेश की लाहौल और स्पीति घाटी से
7. फोटू-ला दर्रा लेह को कारगिल से जोड़ता है।
8. शिपकीला दर्रा हिमाचल प्रदेश को तिब्बत के स्वायत्त क्षेत्र से ।
9. नाथूला दर्रा सिक्किम को तिब्बत से स्वायत्त क्षेत्र से।
10. जेलेप ला दर्रा सिक्किम को तिब्बत के स्वायत्त क्षेत्र से।

 

भारत के प्रमुख दर्रों की लिस्ट । List of  Bharat Ke Pramukh Darre in hindi.

दर्रे का नाम राज्य का नाम अलग करना/किसके मध्य में/जोड़ता है
असीरगढ़ मध्य प्रदेश  
बोमडिला दर्रा अरूणाचल प्रदेश  
डोंगखला दर्रा सिक्किम  
बनिहाल दर्रा* जम्मू और कश्मीर जम्मू एवं कश्मीर
लाथुला दर्रा सिक्किम सिक्किम और तिब्बत को
आडेन्स कॉल उत्तराखण्ड  
चांगला दर्रा लद्दाख(जम्मू और कश्मीर)  
देहरा कम्पास जम्मू और कश्मीर  
देबसा दर्रा हिमाचल प्रदेश  
दीफू दर्रा अरूणांचल प्रदेश  
कोंग्का दर्रा जम्मू और कश्मीर लद्दाख और अक्साई चीन को
धुमधार कंडी दर्रा उत्तराखंड  
खारदुंग ला जम्मू और कश्मीर लेह और नुब्रा
सासेर ला जम्मू और कश्मीर नुब्रा और सियाचिन  ग्लेशियर
     
कुंजुम दर्रा हिमाचल प्रदेश लाहौल और स्पीति
काराकोरम दर्रा जम्मू और कश्मीर लद्दाख और झिंजियांग
लिपुलेख दर्रा उत्तराखंड  
शेनकोट्टई दर्रा कोल्लम केरल त्रावणकोर और तमिलनाडु
पलक्कड़ गैप केरल केरल और तमिलनाडु
थामरस्सेरी दर्रा वायनाड केरल मालाबार और मैसूर को
बारह-लाचा-ला हिमाचल प्रदेश  
रोहतांग दर्रा हिमाचल प्रदेश मनाली और लाहौर को
लानक दर्रा जम्मू और कश्मीर लद्दाख और तिब्बत
जोजिला दर्रा जम्मू और कश्मीर(लद्दाख) कश्मीर और लद्दाख

  

निष्कर्ष:

दोस्तों पर दिए गए लेख में हमने आपको भारत के प्रमुख दर्रे (Bharat Ke Pramukh Darre) के बारे में विस्तार से बताया है। यह डरे दो पहाड़ों के बीच में मौजूद स्थान को कहा जाता है जो दो जगहों को जोड़ने में मदद करते हैं। अगर आप भारत में मौजूद प्रमुख डरे के बारे में जानना चाहते हैं तो ऊपर दिए गए लेख को ध्यान से पढ़ें। उम्मीद करता हूं कि यह लेख से आपको अच्छी जानकारी मिली होगी। इस लेख को पढ़ने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।

FAQ Related Bharat Ke Pramukh Darre

प्रश्न: भारत का सबसे ऊंचा दर्रा कौन सा है?

उत्तर: भारत का सबसे ऊंचा दर्रा काराकोरम दर्रा है जिसकी ऊंचाई 5,654 मीटर है।

प्रश्न: भारत का सबसे लंबा दर्रा का नाम क्या है?

उत्तर: भारत का सबसे लंबा दर्रा का नाम बनिहाल दर्रा है, जिसकी लंबाई 2.85 किलोमीटर है।

प्रश्न: चीन के साथ व्यापार करने के लिए भारत ने सबसे पहले किस दर्रे को खोला था?

उत्तर: चीन के साथ व्यापार करने के लिए भारत ने सबसे पहले लिपुलेख दर्रे को खोला था।

प्रश्न: भारत के सबसे छोटे दर्रे का क्या नाम है?

उत्तर: बनिहाल दर्रा जिसका अर्थ है हिमावात

प्रश्न: राजस्थान के सबसे बड़े दर्रे का नाम क्या है?

उत्तर: सांभर दर्रा

प्रश्न: भारत और नेपाल के मध्य कौन सा दर्रा है?

उत्तर: लिपुलेख दर्रा

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