UNESCO World Heritage Sites in India:UNESCO ने एक कार्यक्रम शुरू किया है जिसका नाम “विश्व धरोहर स्थल” है। इस कार्यक्रम के तहत, दुनिया भर में ऐसे स्थलों को चुना जाता है जो विश्व संस्कृति के लिए महत्वपूर्ण हैं और जिन्हें संरक्षित करने की जरूरत है। ऐसे में भारत को शुरू से ही एक सांस्कृतिक और पारंपरिक देश माना गया है। भारत में ऐसे कई सारी चीज हैं जो इसके संस्कृति और इतिहास के बारे में बताता है।
भारत के भी कई सारे धरोहर UNESCO की सूची में आते हैं। ऐसे में अगर आपको नहीं पता है कि भारत में वह कौन-कौन से विश्व धरोहर स्थल है, तो आज के लेख में हम आपको इसी के बारे में जानकारी देने वाले हैं। आज के इस लेख में हम बात करेंगे कि भारत में कितने विश्व धरोहर स्थल हैं। इन स्थलों में हमारी सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत का बहुमूल्य अंग छुपा होता है। तो आइये इस लेख को शुरू करते हैं और UNESCO World Heritage Sites in India के बारे में विस्तार से जानते हैं।
विश्व धरोहर स्थल क्या है?
विश्व विरासत स्थल ऐसे विशेष स्थान वन क्षेत्र पर्वतों जिलो मरुस्थल स्मारकों या शहर आदि को कहा जाता है जिन्हें यूनेस्को द्वारा चयनित किया गया है। इन समस्त स्थलों की देखरेख यूनेस्को के संरक्षण में की जाती है। ऐसे स्थल ऑन को सुरक्षित रखने के लिए यूनेस्को द्वारा हर साल 18 अप्रैल को विश्व विरासत दिवस मनाया जाता है।
भारत में कुल कितने विश्व धरोहर स्थल मौजूद है?
भारत बहुत पहले से ही सांस्कृतिक और पारंपरिक देश माना गया है, यहां के लोग अपने संस्कृति से हमेशा जुड़े रहे हैं। भारत में कुल 42 यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल हैं। इनमें से 33 सांस्कृतिक, 7 प्राकृतिक और 2 मिश्रित विश्व विरासत स्थल हैं। 1983 में सबसे पहले अजंता की गुफाएं को इस सूची में शामिल किया गया था। इसके बाद एलोरा की गुफाएं, ताजमहल और आगरा के किले को भी इस सूची में शामिल किया गया था। इसके अलावा भारत में और भी कई विश्व धरोहर स्थल है जिसके बारे में हमने नीचे बताया है। भारत के कुल विश्व विरासत स्थलों के बारे में जानने के लिए नीचे दिए गए टेबल को पढ़े।
UNESCO World Heritage Site in India List । यूनेस्को में शामिल भारत के 42 विश्व विरासत स्थलों की सूची
क्रम संख्या | स्थानों के नाम | किस वर्ष में शामिल | राज्य का नाम |
1. | ताजमहल | 1983 | उत्तर प्रदेश |
2. | अजंता गुफाएं | 1983 | महाराष्ट्र |
3. | आगरा का किला | 1983 | उत्तर प्रदेश |
4. | एलोरा की गुफाएं | 1983 | महाराष्ट्र |
5. | कोणार्क का सूर्य मंदिर | 1984 | उड़ीसा |
6. | महाबलीपुरम के स्मारक | 1984 | तमिलनाडु |
7. | मानस वन्य जीव अभ्यारण | 1985 | असम |
8. | कांजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान | 1985 | असम |
9. | केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान | 1985 | राजस्थान |
10. | गोवा के चर्च और कॉन्वेंट | 1986 | गोवा |
11. | फतेहपुर सिकरी | 1986 | उत्तर प्रदेश |
12. | हंपी में स्मारकों का समूह | 1986 | कर्नाटक |
13. | खजुराहो स्मारकों का समूह | 1986 | मध्य प्रदेश |
14. | सुंदरवन राष्ट्रीय उद्यान | 1987 | पश्चिम बंगाल |
15. | पट्टादकल के स्मारकों का समूह | 1987 | कर्नाटक |
16. | एलिफेंटा की गुफाएं | 1987 | महाराष्ट्र |
17. | चोल मंदिर | 1987,2004 | तमिलनाडु |
18. | नंदा देवी और फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान | 1988 2005 | उत्तराखंड |
19. | कैपिटल कंपलेक्स | 2016 | चंडीगढ़ |
20. | सांची का बौद्ध स्मारक | 1989 | मध्य प्रदेश |
21. | कुतुब मीनार और उसके स्मारक | 1993 | दिल्ली |
22. | हुमायूं का मकबरा | 1993 | दिल्ली |
23. | भारत के पर्वतीय रेलवे | 1999 2005 2008 | विभिन्न भारतीय राज्य |
24. | बोधगया में महाबोध मंदिर परिसर | 2002 | बिहार |
25. | भीमबेटका की गुफाएं | 2003 | मध्य प्रदेश |
26. | छत्रपति शिवाजी टर्मिनल | 2004 | महाराष्ट्र |
27. | चंपानेर पावागढ़ पुरातत्व पार्क | 2004 | गुजरात |
28. | लाल किला परिसर | 2007 | दिल्ली |
29. | जंतर मंतर | 2010 | राजस्थान |
30. | पश्चिमी घाट | 2012 | विभिन्न भारतीय राज्य |
31. | राजस्थान के पहाड़ी किले | 2013 | राजस्थान |
32. | ग्रेट हिमालयन राष्ट्रीय उद्यान | 2014 | हिमाचल प्रदेश |
33. | रानी की वाव रानी की बावड़ी | 2014 | पाटन गुजरात |
34. | नालंदा महाविहार का पुरातत्व स्थल | 2016 | बिहार |
35. | खांगचंद जंग राष्ट्रीय उद्यान | 2016 | सिक्किम |
36. | अहमदाबाद का ऐतिहासिक शहर | 2017 | गुजरात |
37. | मुंबई की विक्टोरियन गोथिक | 2018 | महाराष्ट्र |
38. | जयपुर शहर | 2019 | राजस्थान |
39. | धोलावीरा | 2021 | गुजरात |
40. | कालेश्वर राम बापा मंदिर | 2021 | तेलंगाना |
41. | होलसेल मंदिर | 2023 | कर्नाटक |
42. | शांतिनिकेतन | 2023 | पश्चिम बंगाल |
यूनेस्को विस्व विरासत स्थल में शामिन कुछ महत्वपूर्ण स्थल-UNESCO World Heritage Sites in India
अजंता की गुफाएँ।
अजंता की गुफाएं एक अद्भुत भारतीय कला का उदाहरण हैं जो महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में हैं। यह भारत के सबसे प्राचीन ऐतिहासिक स्थलों में से एक है। इन गुफाओं की निर्मिति घोड़े की नाल के आकार में हुई है। यहाँ पर कुल 30 गुफाएं हैं जहाँ प्रमुखतः बौद्ध धर्म की कला का प्रदर्शन है। इस स्थल पर मान्यता है कि यहाँ पर बौद्ध भिक्षु रहते थे और अध्ययन एवं प्रार्थना किया करते थे। ये गुफाएं जो 76 मीटर तक की ऊँचाई पर हैं, अजंता की गुफाओं को अंग्रेज इतिहासकार जॉन स्मिथ ने खोजा था। इसकी खोज होने के बाद इसे 1983 में यूनेस्को ने विश्व विरासत स्थल की सूची डाला गया था।
जंतर-मंतर।
जंतर-मंतर एक ऐतिहासिक स्मारक है जो राजस्थान की राजधानी जयपुर में स्थित है। यह 1724 से 1734 के बीच सवाई जयसिंह II द्वारा बनाया गया था। सवाई जयसिंह एक खगोलीय वैज्ञानिक थे और इस वेधशाला का निर्माण अंतरिक्ष और समय के बारे में जानकारी इकट्ठा करने और उसका अध्ययन करने के लिए किया गया था। भारत में उन्होंने कुल 5 जंतर-मंतर बनवाए, जिनमें सबसे बड़ा जयपुर में है। इसके अलावा, उज्जैन, मथुरा, दिल्ली और वाराणसी में भी जंतर-मंतर है।
ताज महल।
ताजमहल दुनिया के सात अजूबों में से एक है। इसे मुग़ल शासक शाहजहाँ ने बनवाया था। इसे “मुमताज़ का मकबरा” भी कहते हैं क्योंकि शाहजहाँ ने इसे अपनी पत्नी मुमताज़ के स्मृति में बनाया था। इसे बनाने में करीब 20 साल लगे और यह बहुत ही कठिन प्रक्रिया थी। ताजमहल को सफेद संगमरमर से बनाया गया है, जो मुग़ल वास्तुकला की परंपराओं को ध्यान में रखते हुए किया गया। इसकी सुंदरता और महत्व के कारण, यह 1983 में यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल हुआ। ताजमहल को देखने दुनिया भर से चारों तरफ के लोग आते हैं।
शांतिनिकेतन।
1901 में मशहूर कवी रवीन्द्रनाथ टैगोर ने पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में एक ब्रह्मचर्य आश्रम खोला। बाद में उन्होंने इसे शांतिनिकेतन के नाम से जाना जाता है। यह आश्रम अपने विशेष शैली, शांति और अनूठी शिक्षा पद्धति के लिए प्रसिद्ध है। शांतिनिकेतन को UNESCO की वर्ल्ड हेरिटेज लिस्ट में महत्वपूर्ण स्थान मिला है। यह घोषणा 18 सितम्बर 2023 को सऊदी अरब के रियाद में विश्व धरोहर समिति के 45वे सत्र में की गई थी।
राजस्थान के पहाड़ी किले।
राजस्थान में पहाड़ी किले हैं, जिनमें चित्तौड़गढ़, कुंभलगढ़, सवाई माधोपुर, झालावाड़, जयपुर और जैसलमेर के 6 किले शामिल हैं। ये किले लगभग 20 किलोमीटर के क्षेत्र में फैले हैं। इन किलों में 8वीं से 18वीं शताब्दी की राजपूताना साम्राज्य की विरासत है। इन किलों को सुरक्षित रखने के लिए प्राकृतिक साधनों जैसे कि रेगिस्तान, नदियाँ, पहाड़, और घने जंगलों का इस्तेमाल किया गया है। इन किलों में जल संरक्षण के लिए बड़े भवन भी हैं, जिनका उपयोग आज भी हो रहा है।
राजस्थान के 6 पहाड़ी दुर्ग यूनेस्को में शामिल–
1. | चित्तौड़गढ़ का किला | चित्तौड़गढ़ |
2. | रणथंबोर का किला | सवाई माधोपुर |
3. | सोनार का किला | जैसलमेर |
4. | आमेर का किला | जयपुर |
5. | कुंभलगढ़ का किला | राजसमंद |
6. | गागरोन का किला | झालावाड़ |
FAQ:यूनेस्को विश्व विरासत स्थल से जुड़े प्रश्न
प्रश्न: अजंता की गुफाओं को विश्व विरासत स्थल की सूची में कब शामिल किया गया था?
उत्तर: अजंता की गुफाओं को विश्व विरासत स्थल की सूची में 1983 को शामिल किया गया था।
प्रश्न: जंतर मंतर कब और किसके द्वारा बनवाया गया था?
उत्तर: राजस्थान की राजधानी जयपुर में स्थित जंतर मंतर को 1724 से लेकर 1734 तक सवाई जयसिंह II द्वारा बनवाया गया था।
प्रश्न: राजस्थान के पहाड़ी किले में कुल कितने किले मौजूद है?
उत्तर: राजस्थान के पहाड़ी किले में कल 6 किले मौजूद है जिनका नाम चित्तौड़गढ़, कुंभलगढ़, सवाई माधोपुर, झालावाड़, जयपुर और जैसलमेर है।
प्रश्न: भारत में वर्तमान समय में कितने यूनेस्को विश्व विरासत स्थल मौजूद हैं?
उत्तर: यूनेस्को में वर्तमान समय में भारत में कुल 42 विश्व विरासत स्थल मौजूद हैं।
प्रश्न: भारत के किस स्थान पर सबसे अधिक यूनेस्को विश्व विरासत स्थल मौजूद हैं?
उत्तर: महाराष्ट्र राज्य में सबसे अधिक पांच यूनेस्को मैं शामिल विश्व विरासत स्थल में शामिल किये गये हैं।
प्रश्न: सबसे अधिक किस देश में यूनेस्को विश्व विरासत स्थल मौजूद हैं?
उत्तर: सर्वाधिक यूनेस्को विश्व विरासत स्थल इटली में मौजूद हैं जिनकी कुल संख्या 59 है।
निष्कर्ष:
दोस्तों ऊपर दिए गए लेख में हमने आपको UNESCO World Heritage Sites in India के बारे में विस्तार से बताया है। UNESCO ने एक कार्यक्रम शुरू किया था जिसका नाम विश्व धरोहर स्थल रखा था, इसमें दुनिया भर के सांस्कृतिक धरोहरों को शामिल किया जाता है। ऐसे में भारत में भी कई विश्व धरोहर स्थल है जिसके बारे में अगर आप जानना चाहते हैं तो ऊपर दिए गए लिख को ध्यान से पूरा पढ़ें। उम्मीद है कि इस लेख से आपको अच्छी जानकारी मिली होगी और यह आपको पसंद भी आया होगा, इसे पढ़ने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।
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