Harit Kranti kya hai । हरित क्रांति क्या है?,कारण और प्रभाव

Harit Kranti-आज इस पोस्ट में हरित क्रांति Harit Kranti kya hai? (Harit Kranti kya hai in Hindi) इसके प्रभाव लाभ और हानि तथा भारत में कृषि क्रांतियां और उनके जन्मदाताओं की पुरी सूचना देने वाले हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं की दृष्टि से यह अध्याय बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए Harit Kranti kya hai, Harit Kranti kya hai in Hindi के बारे में पूरा जरूर पढ़ें।

हरित क्रांति क्या है pdf?Harit Kranti Kya Hai Iske Janak Kaun Hai 

सन 1960 के दशक में शुरू की गई हरित क्रांति, नॉर्मन बोरलॉग द्वारा किया गया एक प्रयास था। नॉर्मन बोरलॉग को विश्व में हरित क्रांति का जनक कहा जाता है। जबकि भारत में डॉ. एमएस स्वामीनाथन को पहला हरित क्रांति का जनक माना जाता है। हमारे भारत में हरित क्रांति का समर्थन करने वाले मुख्य रूप से एमएस स्वामीनाथन थे। हरित क्रांति के साथ-साथ भारत में कृषि क्रांति की शुरुआत की गई, जिससे फसलों के उत्पादन में वृद्धि हुई।

हरित क्रांति क्या है? Harit Kranti kya hai 

स्वतंत्रता के बाद भारत देश की बढ़ती जनसंख्या हो और खाद्य संसाधनों की कमी के कारण सन 1966-67 ई० में खाद्यान्न का संकट आ गया था, इस समस्या से निपटने के लिए अधिक अधिक गुणक गुणवत्ता वाली फसलों की पैदावार को बढ़ाने के लिए एमएस स्वामीनाथन (भारत के पहले भारतीय कृषि वैज्ञानिक) के नेतृत्व में हरित क्रांति की शुरुआत की गई। इसका मुख्य उद्देश्य खाद्यान्नों के उत्पादन में बढ़ोतरी करनी थी।

दूसरे शब्दों में कहा जाए तो अधिक उपज वाले बीजों और रासायनिक उर्वरकों, कृषि में यंत्रों के उपयोग, बेहतर सिंचाई प्रणाली,कीटनाशकों के प्रयोग से कृषि उत्पादन में तेजी से वृद्धि को हरित क्रांति कहा जाता है। 

हरित क्रांति की वजह से ही हरियाणा और पंजाब व विशेष कर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गेहूं और चावल के उत्पादन में तेजी से वृद्धि हुई जिससे पूरे भारतवर्ष में खाद्यान्न की समस्या समाप्त हो गई।

हरित क्रांति के प्रमुख घटक

हरित क्रांति (Harit Kranti Hindi me) के प्रमुख घटना निम्न प्रकार हैं–

  • हरित क्रांति में मुख्य रूप से निम्न प्रकार के घटक उत्तरदाई थे-
  • उन्नत किस्म के बीजों का उपयोग
  • रासायनिक उर्वरकों का उचित उपयोग
  • कीटनाशकों एवं खरपतवार नाशकों का उपयोग
  • बेहतर सिंचाई पद्धति फव्वारा एवं टपक सिंचाई तकनीकि
  • अनाजों का बेहतर भंडारण एवं साख की सुविधा
  • बेहतर विपणन एवं वितरण की सुविधा

भारत में हरित क्रांति के प्रभाव Harit Kranti Kya Hai Iske Prabhav Ko Likhiye 

भारत में हरित क्रांति के आने से फसलों के उत्पादन में तेजी से वृद्धि हुई, किंतु परिणाम स्वरूप निम्नलिखित कुछ सकारात्मक एवं नकारात्मक प्रभाव भी देखने को मिले-

1.हरित क्रांति के सकारात्मक प्रभाव 

  • खाद्यान्न उत्पादन में बढ़ोतरी हुई
  • कृषि क्षेत्र में रोजगार व आय में बढ़ोतरी हुई
  • प्रति हेक्टेयर खाद्यान्न उत्पादन में बढ़ोतरी हुई
  • खाद्य संकट एवं गरीबी में कमी आई
  • भारत खाद्यान्नों के उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो गया और आयात बंद हुआ
  • कृषि में वैज्ञानिक पद्धति एवं तकनीकी का उपयोग किया गया
  • कृषि क्षेत्र में निवेश की बढ़ोतरी हुई
  • सिंचाई की बेहतर प्रणाली अपनाने से मानसून पर निर्भरता में कमी आई

2.हरित क्रांति के नकारात्मक प्रभाव 

  • हरित क्रांति का प्रभाव हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में ही देखने को मिला
  • किसानों की आय में असमानता देखने को मिली
  • बड़े किसानों को लाभ ज्यादा हुआ जिससे असमानता की और बढ़ोतरी हुई
  • हरित क्रांति मुख्य रूप से गेहूं और चावल तक ही सीमित रही
  • लगातार एक फसल बोने के कारण मिट्टी की उत्पादन क्षमता में गिरावट आई
  • भूजल स्तर में गिरावट देखने को मिली
  • रासायनिक उर्वरकों एवं कीटनाशकों के अधिक प्रयोग के कारण तरह-तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ गई
  • पर्यावरण प्रदूषण और खाद्य श्रृंखला पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा

भारत में कृषि क्रांतियों की सूची । List of Green Revolution in India

क्रम संख्या कृषि क्रांतियां उत्पादन संबंधित व्यक्ति का नाम
1.     हरित क्रांति

 

खाद्यान्न उत्पादन एमएस स्वामीनाथन
2.       गुलाबी क्रांति

 

प्याज उत्पादन दुर्गेश पटेल
3.       सफेद क्रांति

 

दूध और डेयरी उत्पादन वर्गीज कुरियन
4.     नीली क्रांति मत्स्य उत्पादन

 

अरुण कृष्णन
5.       काली क्रांति पेट्रोलियम ………
6.       भूरी क्रांति

 

चमड़ा उत्पादन हीरालाल चौधरी
7.     रजत क्रांति

 

अंडा उत्पादन इंदिरा गांधी
8.       स्वर्ण क्रांति

 

फल और शहद उत्पादन निर्पाख टुटेज
9.       प्रोटीन क्रांति

 

दूसरी हरित क्रांति की तकनीक नरेंद्र मोदी और अरुण जेटली
10.                          सदाबहार क्रांति

 

समावेशी विकास एमएस स्वामीनाथन
11.                          लाल क्रांति

 

टमाटर और मांस उत्पादन विशाल तिवारी
12.                          गोल क्रांति

 

आलू उत्पादन ……..
13.                          धूसर क्रांति या ग्रे क्रांति

 

उर्वरक उत्पादन ……..
14.                          पीली क्रांति

 

तिलहन उत्पादन सैम पित्रोदा
Harit Kranti kya hai
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द्वितीय हरित क्रांति-Second Green Revolution 

भारत में पहली हरित क्रांति की सफलता के बाद उसकी कमियों को दूर करने के लिए तथा कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए और क्षेत्रीय असंतुलन को दूर करने एवं पर्यावरण संरक्षण जैसे विषयों को ध्यान में रखते हुए सन 2006 में पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम द्वारा द्वितीय हरित क्रांति की शुरुआत की गई थी।

इसमें व्यापारिक फैसले खाद्यान्न फैसले मत्स्य पालन एवं पशुपालन आदि को भी शामिल किया गया। भारत की पूर्वी राज्यों में कृषि और संरचना को बढ़ाने पर बोल दिया गया जैविक कृषि करने पर जोर दिया गया सिक्किम राज्य 2016 में भारत का पहला जैविक खेती करने वाला राज्य बना

सदाबहार क्रांति 

देश में हरित क्रांति की सफलता के बाद खाद्यान्न उत्पादन को दोगुना करने के लिए एमएस स्वामीनाथन द्वारा सदाबहार क्रांति की शुरुआत की गई। इसमें निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान दिया गया।

  • कृषि में विज्ञान और तकनीकी का समावेश किया गया
  • जैविक कृषि में शोध को बढ़ावा दिया गया
  • रेन वाटर हार्वेस्टिंग को अनिवार्य किया गया
  • मृदा स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया गया
  • किसानों को फसलों का उचित मूल्य उपलब्ध कराना

भारत में हरित क्रांति के तहत योजनाएं Schemes under green revolution in India 

हरित क्रांति-कृषोन्नति योजना 

कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा वर्ष 2005 में हरित क्रांति कृषि उन्नत योजना( green revolution Christianity Yojana)की शुरुआत की गई थी।

भारत सरकार इस योजना के जरिए किसानों की आय बढ़ाने के लिए कृषि और संबंधित क्षेत्र को समग्र और वैज्ञानिक तकनीक से विकसित करने की योजना बना रही है।

इसमें एक ही छत्र योजना के तहत 11 योजनाएं और मिशन शामिल किए गए हैं—

  1. सतत कृषि के लिए राष्ट्रीय मिशन
  2. बागवानी के एकीकृत विकास के लिए मिशन(एमआईडीएच)
  3. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन
  4. कृषि विस्तार पर प्रस्तुतीकरण
  5. कृषि मशीनीकरण पर उपमिशन
  6. बीज और रोपण सामग्री पर उपमिशन
  7. पौध संरक्षण और योजना रंग रोध पर उपमिशन
  8. कृषि सहयोग पर एकीकृत योजना
  9. अर्थशास्त्र, कृषि जनगणना एवं सांख्यिकी पर एकीकृत योजना
  10. कृषि में राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस योजना
  11. कृषि विपणन पर एकीकृत योजना

निष्कर्षः

हम आशा करते हैं की हरित क्रांति (Harit Kranti kya hai) पर आधारित यह लेख आपकी तैयारी में मदद करेगा। यदि आप किसी प्रतियोगी परीक्षा को उत्तीर्ण करने की मंशा रखते हैं तो GKinhindis.com एक ऐसा प्लेटफॉर्म है, जो आपके सपनों को साकार करने में मदद करेगा। हम लगातार आपकी सफलता के लिए मेहनत कर रहे हैं। महत्वपूर्ण प्रश्नों को आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहे हैं। इससे संबंधित यदि कोई राय है तो हमें कमेंट में जरूर बताएं और यह पोस्ट अपने साथियों को जरुर शेयर करें।

भारत में हरित क्रांति (Harit Kranti kya hai) से संबंधित प्रश्न(FAQ’S) 

1.हरित क्रांति के जनक कौन हैं?

डॉ एस स्वामीनाथन भारतीय कृषि वैज्ञानिक भारत में हरित क्रांति के जनक कहे जाते हैं, जबकि डॉक्टर नॉर्मन बोरलॉग को विश्व में हरित क्रांति का जनक कहा जाता है।

2.सफेद क्रांति का संबंध किससे है?

भारत में दुग्ध और डेरी उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सफेद क्रांति की शुरुआत की गई जिसका नेतृत्व डॉक्टर वर्गीज कुरियन द्वारा किया गया था।

3.गुलाबी क्रांति का संबंध किससे है?

गुलाबी क्रांति का संबंध प्याज और झींगा मछली उत्पादन में बढ़ोतरी करने के उद्देश्य से है। इस क्रांति का नेतृत्व दुर्गेश पटेल द्वारा किया गया था।

4.मछली उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए किस क्रांति की शुरुआत की गई?

भारत में मछली उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए नीली क्रांति की शुरुआत हुई जिसका नेतृत्व अरुण कृष्णन द्वारा किया गया।

5.लाल क्रांति का संबंध किसके उत्पादन को बढ़ावा देने से है?

लाल क्रांति का संबंध टमाटर और मांस उत्पादन को बढ़ावा देने से है जिसका नेतृत्व विशाल तिवारी द्वारा किया गया था।

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