Vetan Aayog Kya Hota Hai- पिछले लंबे समय से Athwa Vetan Ayog (8th Pay Commission) को लेकर चारों तरफ चर्चा हो रही थी, लोगों को Athwa Vetan Ayog का इंतजार बेसब्री से था। लेकिन अब इन सभी लोगों के लिए एक खुशखबरी आ गई है आपको बता दें कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए Athwa Vetan Ayog के गठन को मंजूरी दे दी है।
साथ ही सरकार ने यह बताया है कि इस साल 2026 से लागू किया जाएगा। वहीं कुछ समय के बाद ही आठवां पे कमिशन के अध्यक्ष और दो सदस्यों के नाम भी ऐलान किए जाएंगे। इसके पहले केंद्र सरकार के द्वारा सातवां पे कमीशन साल 2016 में गठित किया गया था। लेकिन क्या आपको यह पता है कि Vetan Aayog Kya Hota Hai?
अगर आपको इसकी जानकारी नहीं है तो आज के इस लेख के द्वारा हम आपको वेतन आयोग क्या है और इससे जुड़ी हर जानकारी विस्तार से बताने वाले हैं। साथ ही हम आपको पहले वेतन आयोग से लेकर जारी होने वाला Athwa Vetan Ayog 2026 से संबंधित भी पूरी जानकारी देंगे। अगर आप इन सभी बातों के बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं तो नीचे दिए गए लेख को अंत तक पढ़े।
Vetan Aayog Kya Hota Hai?
वेतन आयोग को केंद्र सरकार द्वारा ही बनाया जाता है, यह एक प्रकार का केंद्र सरकार द्वारा बनाया गया बॉडी या संगठन होता है। यह आयोग कर्मचारियों के सैलेरी सें जुड़ी सभी स्ट्रक्चर की परीक्षण करता है और उसमें बदलाव करने का भी सिफारिश करता है। इसके साथ ही यह पैनल कर्मचारियों के भट्टे, बोनस और सभी लाभों की परीक्षण करता है।
वेतन आयोग केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशन भोगियों के साथ-साथ रक्षा बालों के लिए भी बदलाव की सिफारिश कर सकता है। वेतन आयोग द्वारा लिया गया कोई भी फैसला लाखों लोगों को प्रभावित कर सकता है इसलिए वह सभी केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशन भोगियों का वेतन का संशोधन करते हैं।
सैलेरी स्ट्रक्चर की परीक्षण करते समय वेतन आयोग मौजूद आर्थिक स्थिति, सरकार की राजकोषीय स्थिति, मुद्रास्फीति और कई अन्य फैक्टर को भी ध्यान में रखता है। यह जरूरी नहीं है कि वेतन योग द्वारा की गई सिफारिश को केंद्र सरकार द्वारा हमेशा स्वीकार ही किया जा सकता है, केंद्र सरकार चाहे तो सिफारिश को स्वीकार कर सकती है या अस्वीकार कर सकती है। यह पूरी तरीके से केंद्र सरकार पर निर्भर होगा कि उन्हें सिफारिश को किस तरीके से लेना है।
कितने सालों के लिए बनता है वेतन आयोग?
केंद्र सरकार द्वारा आमतौर पर वेतन आयोग काल 10 साल के लिए बनाया जाता है। आपको बता दें की सबसे पहले वेतन आयोग सन 1946 में स्थापित किया गया था। वही उस वक्त से लेकर अभी तक कुल सात वेतन अयोगों का गठन किया जा चुका है।
सबसे हालिया वेतन आयोग साल 2014 में स्थापित किया गया था और इसकी सिफारिश को साल 2016 में लागू की गई थी। मौजूद समय में सभी केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशन भोगियों को सातवें वेतन आयोग की सिफारिश के अंतर्गत वेतन दिया जाता है। वहीं सरकार ने Athwa Vetan Ayog 2026 को भी मंजूरी दे दी है जिसकी शुरुआत साल 2026 से की जाने वाली है, जोकि केन्द्रीय कर्मचारियों के लिए सबसे बड़ी खुशखबरी है।
सरकार द्वारा बनाए गए सभी वेतन आयोग।
आजादी के बाद से केंद्र सरकार द्वारा अभी तक कुल सात वेतन आयोग का गठन किया जा चुका है वही Athwa Vetan Ayog 2026 का गठन कुछ दिनों के बाद किया जाएगा। ऐसे में यहां पर हम आपको इन सभी वेतन आयोग के बारे में जानकारी देने वाले हैं:-
प्रथम वेतन आयोग (First Pay Commission):
सबसे पहले वेतन योगासन 1946 में गठित किया गया था जिसके अध्यक्ष श्रीनिवास वरादाचरियर (Srinivasa Varadachariar) थे। इस वेतन आयोग के अंतर्गत चतुर्थी श्रेणी के कर्मचारियों का मूल वेतन ₹30 था जबकि तृतीय श्रेणी के कर्मचारियों का मूल वेतन ₹60 निर्धारित किया गया था।
दूसरा वेतन आयोग (Second Pay Commission)
पहले वेतन आयोग के बाद दूसरे वेतन आयोग का गठन आजादी के 10 साल बाद यानी अगस्त 1957 में किया गया था। इसने 2 साल के बाद अपनी रिपोर्ट दी थी। इस वेतन आयोग के अध्यक्ष जगन्नाथ दास थे और दूसरी वेतन आयोग की सिफारिश के कारण सरकार पर 39.6 करोड़ का वित्तीय प्रभाव भी पड़ा था।
तीसरा वेतन आयोग (Third Pay Commission)
आपको बता दें की तीसरी वेतन आयोग का गठन 1970 के अप्रैल महीने में हुआ था जिसने अपनी रिपोर्ट 1973 में पेश की थी। इस गठन के अध्यक्ष रघुवर दयाल थे। इस कमीशन की सिफारिश के आधार पर सरकार के ऊपर 144 करोड रुपए का खर्च आया था।
इस गठन में तीन सबसे जरूरी पॉइंट्स की सिफारिश की गई थी जो कि सबका समावेशन, सामान आय और आय की पर्याप्तता था। वही इस कमीशन ने इस बात पर भी जोड़ दिया था कि लोगों को इतनी सैलरी मिलनी चाहिए जो उन्हें काम करने के लिए प्रेषित कर सके और उनकी जरूरत के लिए पर्याप्त हो सके।
चौथा वेतन आयोग (Fourth Pay Commission)
सरकार द्वारा चौथे वेतन आयोग की गठन जून 1983 में किया गया था, इसके चार साल बाद यानी 18 मार्च 1987 को इन्होंने अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। इस वेतन आयोग के अध्यक्ष पी एन सिंघल थे। इस गठन के सिफारिश के अनुपालन पर सरकार के ऊपर 1242 करोड रुपए का वित्तीय बोझ आया था।
इस कमीशन की सिफारिश के अनुसार देश में पहली बार सशस्त्र बलों के अधिकारियों के लिए रैंक वेतन की अवधारणा लागू किया गया था लेकिन बाद में रैंक वेतन को सुप्रीम कोर्ट द्वारा अवैध घोषित कर दिया गया था।
पांचवां वेतन आयोग (Fifth Pay Commission)
पांचवी वेतन आयोग का गठन 9 अप्रैल 1994 को किया गया था लेकिन इस कथन ने अपना काम 2 में 1994 से करना शुरू किया था। इस वेतन आयोग के अध्यक्ष जस्टिस एस रत्नवेल पांडियन और सदस्य सुरेश तेंदुलकर ( प्रोफेसर दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स) और एम.के. काव (IAS) थे। इनके सिफारिश लागू करने पर सरकार के ऊपर 17,000 करोड रुपए का खर्चा आया था। इस कमीशन ने कर्मचारियों की सैलरी में 31% बढ़ोतरी की बात भी कही थी।
छठा वेतन आयोग (Sixth Pay Commission)
साल 2006 के जुलाई महीने में मंत्रिमंडल के द्वारा छठा वेतन आयोग का गठन किया गया था जिसके अध्यक्ष न्यायमूर्ति बी एन श्रीकृष्ण थे। इस आयोग को 18 महीने के अंदर ही अपनी रिपोर्ट जमा करनी थी, वही वेतन आयोग की सिफारिश के आधार पर सरकार के उपर तकरीबन 20,000 करोड रुपए की अतिरिक्त भार आया था।
सातवां वेतन आयोग (Seventh Pay Commission)
सातवां वेतन आयोग का घोषणा तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने 25 सितंबर 2013 को किया था की प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के द्वारा सातवें वेतन आयोग के गठन की मंजूरी दे दी गई है। वही इस इस आयोग का अध्यक्ष न्यायमूर्ति ए.के. मधुर को बनाया गया था। वही 29 जून 2026 को सरकार द्वारा सातवें वेतन आयोग की सिफारिश को स्वीकार किया गया था जिन्हें 1 जनवरी 2026 से लागू किया जा चुका है।
कब लागू होगा Athwa Vetan Ayog?
आपको बता दें कि Athwa Vetan Ayog साल 2026 से लागू होने वाला है। सभी सरकारी कर्मचारियों को अभी तक सातवें पे कमीशन के अंतर्गत ही वेतन दिया जाता है। वही आठवां पे कमीशन के लागू होने के बाद केंद्र सरकार द्वारा कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी की उम्मीद की जा रही है।
इसके अलावा सरकार रिटायर्ड कर्मचारियों के पेंशन और भक्तों में भी बढ़ोतरी कर सकती है। इस आयोग का गठन कब किया जाएगा इसकी कोई ऑफिशियल तिथि जारी नहीं की गई है। लेकिन नरेंद्र मोदी ने इस साल 2026 से लागू करने का मंजूरी दे दी है।
कितनी बढ़ सकती है सैलरी?
अश्विनी वैष्णव के द्वारा यह घोषणा किया गया है की Athwa Vetan Ayog 2026 की निगरानी के लिए बहुत ही जल्द अध्यक्ष और दो सदस्यों की नियुक्ति की जाएगी। साथ ही इन्होंने यह भी बताया है की Athwa Vetan Ayog के आने के बाद सैलरी पर भी काफी फर्क पड़ेगा।
वही Athwa Vetan Ayog के अंतर्गत मिनिमम वेतन 34560 होने का अनुमान लगाया गया है। वही पेंशन के तौर पर 17280+DR मिलने की भी उम्मीद है। इसका मतलब है कि Athwa Vetan Ayog आने के बाद न्यूनतम वेतन में लगभग 186% फ़ीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है। साथ ही प्रमोशन होने और सैलरी बढ़ाने पर पेंशन भी बढ़ सकता है।
निष्कर्ष:
पिछले कई दिनों से Athwa Vetan Ayog को लेकर चारों तरफ काफी ज्यादा चर्चा बनी हुई थी। इसी बीच भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ Athwa Vetan Ayog के गठन की मंजूरी दे दी है। इसके अलावा सरकार द्वारा यह बताया गया है कि इस साल 2026 से शुरू की जाने वाली है। सरकार द्वारा जल्द ही Athwa Vetan Ayog के अध्यक्ष और दो सदस्यों के नाम भी ऐलान किए जाएंगे।
ऐसे में अगर आप भी Athwa Vetan Ayog 2026 से संबंधित जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं या वेतन आयोग क्या होता है और अभी तक भारत में कितने वेतन आयोग लागू किए गए हैं के बारे में जानना चाहते हैं तो ऊपर दिए गए लेख को अंत तक पढ़े। उम्मीद है यह लेख आपको पसंद आया होगा और इससे अच्छी जानकारी भी मिली होगी इसे पढ़ने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।
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