Jaivik Kheti Kise Kahte Hai-हमारा भारत एक कृषि प्रधान देश है जहां 80% लोग कृषि पर निर्भर हैं। हमारे देश के लिए जीतना जरूरी भारतीय सेना है, उतना ही जरूरी किसान है। किसान हमारे लिए संतुलित आहार का उत्पन्न करते हैं जो हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी होता है। लेकिन आज बढ़ती रासायनिक उर्ववकों के द्वारा तैयार किया जाने वाला अनाज, सब्जी और फल हमारे सेहत पर काफी बुरा असर डाल रहा है। इसी चीज को देखते हुए सरकार द्वारा सभी किसानों को जैविक खेती करने का सलाह दिया जा रहा है।
जैविक खेती एक ऐसा साधन है जिसके द्वारा हम स्वस्थ और लाभदायक सब्जियों, फलों और अनाजों को तैयार कर सकते हैं। ऐसे में आज के इस लेख के द्वारा हम आपको Jaivik Kheti Kise Kahte Hai के बारे में बताने वाले हैं। साथ ही इस लेख में हम आपको Organic Farming in Hindi से जुड़ी संपूर्ण जानकारी देंगे जैसे इसके लाभ नुकसान जैविक खेती करने का तरीका आदि। अगर आप भी जैविक खेती कैसे करते हैं के बारे में जानना चाहते हैं तो नीचे दिए गए लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।
जैविक खेती किसे कहते हैं? Organic Farming in Hindi
आज के समय में लोग अलग-अलग प्रकार से खेती कर रहे हैं लेकिन बहुत से ऐसे तरीके हैं जिसके कारण लोगों को सिर्फ नुकसान ही हो रहा है। इसी को देखते हुए सरकार द्वारा जैविक और प्राकृतिक खेती को लगातार बढ़ावा मिल रहा है। किसानों को यह जानना बेहद ही जरूरी है कि Jaivik Kheti Kise Kahte Hai.
ऐसे में हम आपको बता दें कि जैविक खेती वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा हम फल, सब्जी और अलग-अलग प्रकार के अनाजों को उपजने के लिए किसी भी प्रकार का रासायनिक खाद, रासायनिक दावों और रासायनिक उर्ववकों का इस्तेमाल नहीं करते हैं। जैविक खेती करने के लिए जैविक कार्बनिक खाद, जैव कीटनाशी, जैव उर्वरक, जैव रोगनाशी आदि का प्रयोग किया जाता है। जैविक खेती करने का मुख्य उद्देश्य मिट्टी की उर्वरा शक्ति को बनाए रखना और साथ ही फसलों का उत्पादन को बढ़ाना होता है।
इसके अलावा हम आपको बता दें कि जैविक खेती से फसल उत्पादन की लागत कम भी होती है। देश में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा साल 1972 में इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ ऑर्गेनिक एग्रीकल्चर मूवमेंट नाम की अंतरराष्ट्रीय संस्था का स्थापना किया गया था। ऐसे में सभी किसानों को हमेशा जैविक खेती करना चाहिए जिससे किसानों के साथ-साथ फसलों का सेवन करने वाले लोगों को भी लाभ मिल सके।
जैविक खेती कैसे करें? Jaivik Kheti Kaise Karen
आज के समय में जितने भी लोग खेती कर रहे हैं उन्हें जैविक खेती करना चाहिए क्योंकि यह उनके खेत के साथ-साथ लोगों को तंदुरुस्त बनता है। लोग आजकल अपने खेतों में रासायनिक खाद, रासायनिक दवा और रासायनिक उर्वरकों का इस्तेमाल करते हैं जिसके कारण लोगों की सेहत बिगड़ती है और साथ ही उनके जमीन का भी नुकसान होता है।
इस लिए जैविक खेती करने के लिए हमें अपने खेतों में हर प्रकार की रासायनिक पदार्थ के जगह पर सिर्फ जैविक कार्बनिक खाद, जैव कीटनाशी, जैव उर्वरक, जैव रोगनाशी आदि का इस्तेमाल करना चाहिए। साथ ही हमें खेतों में सिर्फ जैविक खाद का ही इस्तेमाल करना चाहिए। यहां पर हमने अलग-अलग प्रकार के जैविक खाद बनाने का विधि बताया है।
जैविक खाद बनाने की विधि।
जैविक खेती करने के लिए हमें अपने खेतों में सिर्फ जैविक खाद का इस्तेमाल करना चाहिए। जैविक खाद बनाने के लिए आपको ज्यादा मेहनत करने की जरूरत नहीं है और ना ही आपको इसमें ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे। रासायनिक खाद और उर्वरकों की तुलना में जैविक खाद काफी लाभदायक और फायदेमंद साबित होता है।
हम आपको बता दें कि आप तीन प्रकार के जैविक खाद बना सकते हैं जो आपके खेतों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। Organic Farming in Hindi में नीचे हमने तीनों प्रकार के जैविक खाद के बारे में विस्तार से बताया है और साथ ही उन्हें बनाने की विधि भी बताई है।
गोबर की खाद
जैविक खेती में सबसे ज्यादा इस्तेमाल करने वाला खाद गोबर की खाद होता है जो की हानिकारक उर्वरकों के स्थान पर इस्तेमाल किया जाता है। यह हमारे खेतों के लिए बहुत लाभदायक होता है और हमारे खेतों की उत्पादक में मदद करता है। गोबर की खाद बनाने के लिए आपको 3 फीट चौड़ा, 5 फीट गहरा और 20 फीट लंबा गड्ढा खोदना होगा। इसके बाद गधों के चारों तरफ प्लास्टिक का परत बढ़ा देना है।
फिर गड्ढे में फलों सब्जियों की अवशेष आदि डालकर उसके ऊपर से पशुओं की गोबर, मूत्र आदि डालना है। पूरे गड्ढे को गोबर डालकर भर देना है और इसके बाद गड्ढे को अच्छे तरीके से ढक देना है। इसके बाद इसे हर 2 महीने में चार बार चलना होगा। वहीं 90 से 120 दिन के बाद गड्ढे के अंदर जैविक खाद यानी गोबर की खाद बनाकर तैयार हो जाएगा जिसे आप अपने खेतों में डाल सकते हैं।
केंचुआ खाद
केंचुआ खाद एक ऐसा जैविक खाद है जो की मिट्टी में पोषक तत्वों को संतुलित बनाए रखना है। इसके कारण मिट्टी की उर्वरता और उत्पादक क्षमता भी बढ़ता है। केंचुआ खाद में नाइट्रोजन फास्फोरस और पोटाश पाया जाता है जो की अन्य अन्य प्रकार के पोषक तत्व से भरे होते हैं, जो हमारे खेतों को काफी लाभ पहुंचता है।
केंचुआ खाद बनाने के लिए सबसे पहले आपको एक गड्ढा बनाना होगा। इसके बाद आपको उसे घंटे में सूखे पत्ते गोबर की खाद आदि डालना होगा। इसके बाद उसे गड्ढे को अच्छे तरीके से धक्के कुछ दिनों तक छोड़ देना है। कुछ दिनों के बाद गड्ढे में खुद से ही केंचुआ उत्पन्न हो जाएंगे। इसके कुछ दिनों के बाद आपका केंचुआ खाद बनाकर तैयार हो जाएगा। आपको बता दे की एक-एक कर जमीन पर खेती करने के लिए 2 से 3 टन की केंचुआ खाद की जरूरत होती है।
हरी खाद
हरी खाद का इस्तेमाल जैविक खेती करने के लिए काफी ज्यादा किया जाता है। हरी खाद के द्वारा जैविक खेती करने के लिए आपको अपने खेत में हरी खाद का इस्तेमाल करना होगा। जिस खेत में आप हरी खाद का इस्तेमाल करना चाहते हैं उस खेत में आपको वर्ष के समय होगी हुई सनई, लोबिया, गवार आदि को 40 से 60 दिनों तक बड़ा करना होगा। इसके बाद उसे खेत को हल के द्वारा अच्छे तरीके से जुदाई कर देना है।
ऐसा करने से खेत को हरी खाद मिलता है। हरी खाद की मदद से खेत में नाइट्रोजन स्थिकरण जल प्रबंधन की क्षमता बढ़ता है जो की खेतों के लिए काफी जरूरी है। हरी खाद बनाने के लिए ज्यादा मेहनत करने की जरूरत नहीं है बस आपको बरसात के बाद खेत में उगे पौधों को छोड़ देना है और कुछ दिनों के उसे अच्छे तरीके से जोतना होगा। जैविक खेती करने के लिए हरी खाद का इस्तेमाल जरूर करें।
जैविक खेती करने का लाभ।
जैविक खेती करने से किसानों को एक नहीं बल्कि कई प्रकार का लाभ मिलता है। यहां पर हमने आपको जैविक खेती से मिलने वाले लाभों के बारे में विस्तार से बताया है:-
- जैविक खेती करने से मिट्टी की उर्वरता और गुणवत्ता में सुधार आता है।
- जैविक खेती से प्रकृति कृषि जैव विविधता, पर्यावरण और स्वास्थ्य संरक्षण को लाभ पहुंचता है।
- जैविक उत्पादों का इस्तेमाल करने से पशु और मनुष्यों की रोग प्रतिरोधक क्षमता में भी वृद्धि होती है।
- जैविक खेती करके पर्यावरण को संतुलित किया जा सकता है।
- जैविक खेती के द्वारा उपजे फल सब्जी और अनाज लोगों के सेहत पर अच्छा असर डालता है।
- जैविक खेती में इस्तेमाल करने वाला जैविक खादों को किसान खुद से ही बना सकता है उसे पैसे लगाने की जरूरत भी नहीं होगी।
FAQ Related Jaivik Kheti Kise Kahte Hai.
Question: जैविक खेती करने के लिए हमें क्या करना चाहिए?
Answer: जैविक खेती करने के लिए हमें अपने खेतों में रासायनिक खाद, रासायनिक दावों और रासायनिक उर्ववकों का इस्तेमाल करने के जगह पर जैविक कार्बनिक खाद, जैव कीटनाशी, जैव उर्वरक, जैव रोगनाशी आदि का इस्तेमाल करना चाहिए।
Question: जैविक खेती करने से खेतों की मिट्टी पर क्या असर पड़ता है?
Answer: जैविक खेती करने से खेतों की मिट्टी की उर्वरता और गुणवत्ता में सुधार आता है और साथ ही फसलों का उत्पादन को बढ़ाता है।
Question: जैविक खाद बनाने में कितना समय लगता है?
Answer: जैविक खाद बनाने में 90 से 120 दिन का समय लगता है।
निष्कर्ष:
आजकल हमारे चारों तरफ इतना ज्यादा रासायनिक फल और सब्जी फैल गया है की इसे सेवन करने से प्रतिदिन हजारों लोगों का तबीयत खराब होता है। बहुत से लोग खेती करने के लिए रासायनिक खाद और उर्वरकों का इस्तेमाल करते हैं जो कि लोगों की सेहत पर बहुत बुआ असर डालते हैं। ऐसे में आजकल सरकार के द्वारा जैविक खेती का काफी ज्यादा प्रचार किया जा रहा है। जैविक खेती एक ऐसी विधि है जिससे खेतों को भी बहुत लाभ पहुंचता है और साथ ही लोगों को तंदुरुस्त रखता है। ऊपर दिए गए लेख में हमने आपको Jaivik Kheti Kise Kahte Hai के बारे में विस्तार से बताया है। अगर आप भी Organic Farming in Hindi के बारे में जानना चाहते हैं तो ऊपर दिए गए लेख को अंत तक पढ़े। इस लेख को पढ़ने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।
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