भारतीय न्याय संहिता(Bhartiya Nyaya Sanhita)- हेल्लो दोस्तों, आज हम इस पोस्ट में Bhartiya Nyaya Sanhita in Hindi के बारे में चर्चा करने वाले हैं। दोस्तो अभी हाल ही में भारत सरकार द्वारा 01 जुलाई 2024 को भारतीय दण्ड संहिता की जगह भारतीय न्याय संहिता 2023 लागू कर दिया गया है। अब इसी कानून के आधार पर अपराधों में दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी। यह टापिक एक ऐतिहासिक विषय बन गया है, इसलिए परीक्षा की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है।
भारतीय न्याय संहिता 2023। Bhartiya Nyay Sanhita Bill
भारतीय दण्ड संहिता(IPC) 1960 के स्थान पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 को लोकसभा में 20 दिसम्बर सन् 2023 को, राज्यसभा में 21 दिसम्बर सन् 2023 को पारित किया गया। इस कानून में राष्ट्रपति द्वारा 25 दिसम्बर 2023 को अनुमत प्रदान की गयी।
भारत के राजतंत्र नई दिल्ली के द्वारा 01 जुलाई 2024 से संहिता की धारा 106 की उपधारा 2 के उपबंध के अलावा अन्य सभी उपबंधो को लागू किया गया है। भारतीय न्याय संहिता कानून इतिहास के पन्नों में दर्ज की जायेगी।
भारतीय न्याय संहिता-बी0एन0एस0 (BNS) 2023 में जोड़ी गयी महत्वपूर्ण धाराएँ-
- धारा 69- किसी व्यक्ति द्वारा कपटपूर्ण साधनों का प्रयोग करते हुए जैसे नियोजन या धोखा से शादी करने का वादा/झाँसा देकर यौन संबंध बनाना, जो बलात्कार नहीं है। इसके तहत सजा प्रावधान 10 वर्ष का कारावास किया गया है।
- धारा 102(2)- (मॉबलिंचिंग)- पाँच या पाँच से अधित व्यक्तियों के समूह द्वारा मिलकर जाति, नस्ल, समुदाय, व्यक्तिगत विश्वास, लिंग, जन्मस्थान, मूलवंश, भाषा आदि के आधार पर हत्या जैसा अपराध कारित करते हैं तो समूह के प्रत्येक सदस्य को मृत्यु या आजीवन कारावास के दण्ड से दण्डित किया जायेगा।
- धारा 111- संगठित अपराध- अपहरण, कान्ट्रेक्ट किलर, साइबर क्राइम, जबरन वसूली, वित्तीय घोटाला, भूमि हथियाना, फिरौती, वैश्यावृत्त आदि अपराध संगठित(Organised Crime) अपराधों के अन्तर्गत आते हैं। उपरोक्त अपराध कारित करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को धारा 111(2) के तहत मृत्यु या आजीवन कारावास व अन्य दण्ड का प्रावधान किया गया है।
- धारा 112 – छोटे संगठित अपराध- टोली बनाकर अकेले या समूह में रहकर किये जाने वाले अपराध जैसे- पाकेटिंग(जेब कतरे), स्नैचिंग, शॉपलिफ्टिंग, वाहन चोरी, कार्ड स्किमिंग, स्वचालित टेलर मशीन चोरी, ब्लैक टिकटों का विक्रय, कार्गो क्राइम, क्वेश्चन पेपर का विक्रय, जुआ खेलना आदि छोटे संगठित अपराधों के अन्तर्गत माने जायेंगे। जिसमें प्रत्येक व्यक्ति को कम से कम 01 वर्ष व अधिकतम 07 वर्ष तक कारावास की सजा का प्रावधान किया गया है।
- धारा 113- आतंकवादी कृत्य(Terrorist Act)- पूर्व में लागू किया गया अधिनियम- गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम 1967 से सम्बन्धित प्रावधान को जोड़ा गया है। इसके अन्तर्गत धारा- 103(2क) के तहत मृत्यु या आजीवन कारावास व अन्य दण्ड के उपबन्ध का प्रावधान किया गया है।
- धारा 152- (देशद्रोह)- किसी व्यक्ति या समूह द्वारा द्वारा भारत की एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले कार्य को देशद्रोह के अन्तर्गत रखा गया है। इसमें देशद्रोह करने वाले व्यक्ति को आजीवन कारावास या सात वर्ष तक के कारावास की सजा का प्रावधान है।
- धारा 197घ- किसी व्यक्ति द्वारा राष्ट्रीय एकता समग्रता, सुरक्षा को खतरे में डालने वाले झूठे आरोप, झूठी खबर, मौखिक या लिखित, दृश्य या इलेक्ट्रानिक संचार किसी भी तरह भ्रामक जानकारी (फेक न्यूज) देना। इस अपराध के आरोपी को 03 वर्ष का कारावास की सजा का प्रावधान किया गया है।
- धारा 304- Snatching(झपटमारी)– चोरी करने के उद्देश्य से किसी व्यक्ति द्वारा चल सम्पत्ति को छीनना या प्राप्त करना। यह अपराध कारित करने वाले व्यक्ति को 03 वर्ष तक कारावास की सजा का प्रावधान है।
आईपीसी(IPC) 1860 के महत्वपूर्ण अपराध जो समाप्त किये गये और नयी बीएनएस में नहीं जोड़े गये-
- धारा 377—प्रकृति विरुद्ध अपराध- भारतीय न्याय संहिता 2023 द्वारा IPC की धारा 377 को अपराध को अपराध की श्रेणी से हटा दिया गया है। अर्थात् अब अप्राकृतिक यौन संबंध अपराध नहीं माना जायेगा।
- धारा 497- जारकर्म- आई0पी0सी0 की 497 वाली धारा जारकर्म को अपराध मानती है। इसमें ऐसे व्यक्ति को दोषी ठहराया जाता था जो किसी दूसरे व्यक्ति की पत्नी के साथ यौन संबंध बनाता है।
- धारा 124ए- राजद्रोह-जब कोई व्यक्ति मौखिक या लिखित शब्दों या संकेतों द्वारा या दृश्य रूप से या अन्यथा भारत में विधि द्वारा स्थापित सरकार के प्रति घृणा का भाव उत्पन्न करना,या अप्रसंन्नता उत्पन्न करने का प्रयत्न करता है।
- धारा 310- ठग वर्तमान में अनुपयोगी धारा होने के कारण हटा दिया गया है।
Bhartiya Nyaya Sanhita in Hindi में मुख्य परिवर्तन
- भारतीय न्याय संहिता में धाराओं की संख्या 358 कर दी गयी हैं, जबकि आई0पी0सी0 में धाराओं की कुल संख्या 511 थी।
- 20 नये अपराध BNS में जोड़े गये हैं।
- कई अपराधों के लिए अनिवार्य न्यूनतम सजा का प्रावधान किया गया है।
- छः छोटे अपराधों में सजा के तौर पर सामुदायिक सेवा का प्रावधान किया गया है।
- कुछ अपराधों में जुर्माना अधिक कर दिया गया है।
- कुछ अपराधों में सजा की अवधि अधिक कर दी गयी है।
Bhartiya Nyay Sanhita 2023 in Hindi की कुछ विशेषतायें-
- महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों को एक अध्याय में शामिल कर दिया गया है।
- BNS की धारा 69 में झूठा वादा करके यौन संबंध बनाने पर सख्त सजा का प्रावधान किया गया है।
- BNS की धारा 70(2) में सामूहिक बलात्कार के अपराध में मृत्यु दण्ड का प्रावधान किया गया है।
आई0पी0सी0 और बी0एन0एस0 की सामान्यतः प्रयोग की जाने वाली धाराएं- (Naye Bharat Ke Naye Kanoon)
आई.पी.सी. | विवरण | बीएनएस |
धारा 302 | मृत्यु की सजा | धारा 103(1) |
धारा 304बी | दहेज मृत्यु के लिए सजा | धारा 80 |
धारा 379 | चोरी की सजा | धारा 303 |
धारा 376 | बलात्कार की सजा | धारा 64 |
धारा 420 | धोखाधड़ी के लिए सजा | धारा 318 |
धारा 498ए | पति द्वारा क्रूरता की शिकार महिलाएं | धारा 85 |
धारा 120बी | आपराधिक षड़यंत्र के लिए सजा | धारा 61 |
Bhartiya Nyaya Sanhita in Hindi
निष्कर्ष-भारतीय न्याय संहिता
आशा करते हैं कि भारत के नये कानून पर आधारित यह पोस्ट Bhartiya Nyaya Sanhita in Hindi आपको अच्छी लगी होगी। भारतीय न्याय संहिता नए भारत के कानून के रूप में लागू की गयी है अर्थात् अब भारतीय न्याय संहिता की धाराओं में समस्त मुकदमों का अनावरण किया जायेगा। नए कानूनों के बारे में और अधिक जानकारी के लिए जुड़े रहें हमारे साथ हम आपको भारत का नया कानून 2024 से जुड़ी सारी जानकारी समय-समय पर देते रहेंगे।
FAQ’S Related Bhartiya Nyaya Sanhita in Hindi
1.भारतीय न्याय संहिता 2023 कब लागू होगी?
उत्तर- बीएनएस 01 जुलाई सन् 2024 से प्रचलन में है।
2.भारतीय न्याय संहिता में कुल कितनी धाराएं हैं?
उत्तर- भारतीय न्याय संहिता 2024 में कुल 358 धाराएं हैं।
3.BNS का पूरा नाम क्या है?
उत्तर- बीएनएस का विस्तार रूप भारतीय न्याय संहिता है।
4.बीएनएसएस का पूरा नाम किया है?
उत्तर- BNSS का पूरा नाम भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता है।
5.क्या भारतीय न्याय संहिता शुरू हो गई है?
उत्तर- हाँ, भारतीय न्याय संहिता 2023, 01 जुलाई 2024 से शुरू हो गई है।
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