Red Data Book क्या है?  रेड डाटा बुक के बारे में विस्तृत जानकारी फायदे व नुकसान

इस पोस्ट में Red Data Book के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। दुनिया भर में तकनीकी के क्षेत्र में बहुत तेजी के विकास हो रहा है। लगभग हर क्षेत्र में तकनीकी के माध्यम से चीजों में बदलाव देखने को मिल रहा है, जो मानव जीवन को सरल व सहज बनाता चला जा रहा है।

जिस प्रकार से हम तकनीक के माध्यम से अपनी जीवन शैली को आसान बनाते चले जा रहे हैं, और हर समय प्रगति के मार्ग पर अग्रसर रहते हैं ठीक उसी प्रकार से तकनीक मानव जीवन तक सीमित न रहकर पशु-पक्षियों, जीव जन्तुओं और पेड़ –पौधों में भी कार्य कर रही है।

तकनीकी क्षेत्र में रिवोल्यूशनरी ग्रोथ के साथ-साथ पृथ्वी पर रहे जीव- जन्तुओं ,कीड़े मकोड़ों और पेड़-पौधों का भी बहुत महत्व है। इसलिए हमारा दायित्व बनता है कि हम अपने पर्यावरण को संरक्षित करें। जिस कारण हर साल पूरे विश्व में विश्व पर्यावरण दिवस भी मनाया जाता है।

आज कल दुनिया का कोई काम तकनीकी के माध्यम से बहुत आसान हो गया है, किसी भी असंभव कार्य को तकनीकी की मदद से बहुत आसानी से किया जा सकता है। आइये जानते हैं Red Data Book के बारे में सम्पूर्ण जानकारी।

क्या है Red Data Book

कुछ सालों पहले मनुष्य की जनसंख्या का लेखा-जोखा रखना मुश्किल था जबकि आज के समय में तकनीकी की मदद से यह बहुत आसान हो गया है। मौजूदा समय में विश्व में पहले स्थान पर जनसंख्या वाला देश भारत बन गया है। जबकि इससे पहले चीन में जनसंख्या विश्व में सर्वाधिक थी।

ठीक उसी तरही आज के समय में जीव-जन्तुओं ,पशु-पक्षियों और कीड़े- मकोड़ों के आकड़े रखे जाते हैं, यह सब नई तकनीक के माध्यम से ही सफल हो पाया है।

इस blog (लेख) के माध्यम से हम आपको Red Data Book के बारे में पूरी जानकारी देगें। इसका उपयोग कब किया जाता है और किस तरह से इसमें जीव-जन्तुओं ,पशु-पक्षियों के आकड़े इकट्ठे किया जाते हैं। इस सम्बन्ध में हम यहाँ चर्चा करने वाले हैं ।

Red Data Book  क्या है

Red Data Book एक ऐसा दस्तावेज है जो सार्वजनिक रखा गया है। जिसमें इस धरती पर पाये जाने वाले जीव-जन्तुओं,पेड़- पौधों व कवक और स्थानीय उप-प्रजातियों की लुप्तप्राय और दुर्लभ प्रजातियों का रिकार्ड रखा जाता है। Red Data Book कुछ ऐसी प्रजातियों का डाटा प्रदान करती है जो विलुप्त होने वाले हैं।

इस लिस्ट में प्रजातियों को 7 त्रेणियों में विभाजित किया गया हैः- गंभीर रूप से संकटग्रस्त, कमजोर, तुप्तप्राय,कम जोखिम, डाटा की कमी, मूल्यांकन नहीं किया गया है तथा विलुप्त

एक अन्तर्राष्ट्रीय संस्था IUCN(INTERNATIONAL UNION OF CONSERVATION NATURE) द्वारा Red Data Book को सन् 1948 ई0 में पहली बार जारी किया गया था।

IUCN का मुख्यालय स्विटजरलैंड में स्थित है। जिसकी शुरुआत RUSSIA के वैज्ञानिकों द्वारा की गयी थी ,जिसको बाद में विश्व स्तरीय संगठन के सुपुर्द कर दिया गया। IUCN द्वारा इसमें समय-समय पर नवीनीकरण किया जाता है।

Red Data Book में धरती पर मौजूद व विलुप्त हो चुके समस्त जीवों का सम्पूर्ण रिकार्ड रखा जाता है, जिसे तीन भागों में विभाजित किया गया है।

हरा पृष्ठ—इस पृष्ठ में ऐसे जीव-जन्तुओं या पक्षियों की प्रजातियों का नाम लिखा जाता है, जिन्हें वर्तमान में किसी तरह का कोई खतरा नहीं है। यह सभी पूरी तरह से सुरक्षित हैं।

गुलाबी पृष्ठ—इस पृष्ठ में ऐसे जीव-जन्तुओं या पक्षियों की प्रजातियों का नाम लिखा जाता है, जो प्रजातियाँ खतरे में हैं और दिन- प्रदिदिन विलुप्त(गायब) होते जा रहे हैं।

लाल पृष्ठ—इस पृष्ठ में ऐसे जीव-जन्तुओं या पक्षियों की प्रजातियों का नाम लिखा जाता है, जो प्रजातियाँ विलुप्त हो चुकी हैं या बहुत कम देखने को मिलती हैं। जैसे गिद्ध आदि

 

रेड डाटा बुक के रंगों का विभाजन

Iucn द्वारा Red Data Book में निम्न प्रकार के रंगों की श्रेणियों को जीवों की प्रजाति की वर्तमान स्थिति को दर्शाने के लिए शामिल किया गया है।

क्रम संख्या रंग स्थिति
1. हरा खतरे से बाहर वाली प्रजातियाँ
2. सफेद दुर्लभ प्रजाति
3. काला विलुप्त प्रजातियाँ
4. लाल लगभग पूर्ण रूप से लुप्तप्राय प्रजातियां
5. संतरा विलुप्त होने वाली प्रजातियां
6. स्लेटी

 

 

लुप्तप्राय या दुर्लभ प्रजातियाँ जिनके सम्बन्ध में वैज्ञानिक आकड़े व विश्लेषण की जानकारी उपलब्ध नहीं है ।
7. अंबर कमजोर प्रजाति

 

Red Data Book
Red Data Book

 

 रेड डाटा बुक के संस्करण

अभी तक पाँच बार रेड डाटा बुक के संस्करण किये जा चुके हैं जो जीव-जन्तुओं व पशु-पक्षियों के लिए भिन्न-भिन्न हैं।

प्रथम Red Data Book –इस संस्करण में स्तनधारी प्राणी जगत समूह के जन्तु शामिल हैं जो अपने बच्चों के संपोषण के लिए दूध पिलाते हैं।

दूसरी Red Data Book  — यह संस्करण पक्षी जगत का एक ऐसा ग्रुप है जो वायु में उड़ सकते हैं।

 तीसरी Red Data Book  — इस संस्करण में मरूस्थलीय उभयचर प्राणियों को रखा गया है। जो रेगिस्तान(मरूस्थल) में पाये जाते हैं। जैसे-ऊँट आदि

 चौथी Red Data Book – इस बुक में उन प्राणियों को रखा गया जो पानी में जीवन यापन करने के लिए अनुकूल पाये जाते हैं। जैसे-मछलियां, आक्टोपस, समुद्री घोड़ा आदि।

पाँचवी Red Data Book – इस बुक में विभिन्न प्रकार के पौधों व वनस्पतियों को शामिल किया गया है।

 रेड डाटा बुक में विलुप्त होने वाले जीव-जन्तुओं के नाम

धरती पर समस्त जीव-जन्तुओं का विवरण Red Data Book   में अंकित किया गया है। और तात्कालिक वातारणीय परिवर्तन के कारण विलुप्त हो जाने के कारण इनको Red Data Book   में दर्ज किया गया है। कुछ जीव – जन्तुओं के नाम नीचे दिये जा रहे हैं Red Data Book   के अनुसार इस दुनिया से विलुप्त हो चुके हैं। विलुप्त जीवों का विवरण निम्न प्रकार है—

पॉन्डिचेरी शार्क

डोडो

डायनासोर

मालाबार सिवेट

गंगा नदी शार्क

कश्मीर हिरन

पूकोडे लेक बारबो

घड़ियाल

कोंडना रातो

सफेद धब्बिदार झड़ी मेंढ़क

टॉड की तमड़ी वाला मेंढ़क

रेड डाटा बुक के लाभ व हानियाँ

रेड डाटा बुक से समस्त समस्त पशु-पक्षियों ,जानवरों व पेड़-पौधों को उनके संरक्षण, रखरखाव व उनकी स्थिति के बारे में जानकारी करने में मदद मिलती है।

इस पुस्तकी मदद से विश्व में रहने वाली समस्त प्रजातियों के विलुत्प होने के खतरे का अनुमान लगाया जा सकता है।

इस बुक की मदद से सभी प्रजातियों की जनसंख्या का मूल्यांकन किया जाता है।

यह बुक सभी पेड़-पौधों, जीव-जन्तुओं व अन्य प्रजातियों का समस्त डाटा रखती है लेकिन इस पुस्तक में रोगाणुओं के बारे में कोई जानकारी नहीं हैं।

इस पुस्तक में मौजूद जानकारी अधूरी है तथा इसमें विलुप्त और लुप्त प्रजातियों की कई स्पेसीज का वर्णन पूरी तरीके से नहीं किया गया है।

Red Data Book  FAQ

 

 Red Data Book  क्या है?

Red Data Book एक ऐसा दस्तावेज है जो सार्वजनिक रखा गया है। जिसमें इस धरती पर पाये जाने वाले जीव-जन्तुओं,पेड़- पौधों व कवक और स्थानीय उप-प्रजातियों की लुप्तप्राय और दुर्लभ प्रजातियों का रिकार्ड रखा जाता है।

 

Red Data Book  की शुरूआत कब की गई थी?

रेड डाटा बुक की शुरूआत सन् 1968 ई0 में की गई थी।

 

रेड डाटा बुक में कितनी प्रजातिओं को शामिल किया गया है?

इस में करीब 147500+ प्रजातियों को शामिल किया गया है।

 

रेड डाटा बुक को किस संस्था द्वारा चलाया जा रहा है?

Red Data Book  को INTERNATIONAL UNION OF CONSERVATION NATURE द्वारा आपरेट किया जा रहा है।

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